कैसी प्रीत की रीत चलाई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
राधा को रोते तूने गोकुल में छोड़ा
भोली ग्वालिन का दिल तुमने तोडा
तुम्हे याद ना किसी की आई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
रुक्मण बनाई फिर तूने पटरानी
दिल में बसे लेकिन तेरे राधारानी
तूने दोनों से की बेवफाई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
मीरा ने बचपन से वर तुमको माना
लेकिन कब जोगन को तूने पहचाना
तेरे द्वारिका भी वो आई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
** प्रदीप नील हिसार हरियाणा -- 09996245222
कान्हा तू ही है हरजाई रे
राधा को रोते तूने गोकुल में छोड़ा
भोली ग्वालिन का दिल तुमने तोडा
तुम्हे याद ना किसी की आई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
रुक्मण बनाई फिर तूने पटरानी
दिल में बसे लेकिन तेरे राधारानी
तूने दोनों से की बेवफाई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
मीरा ने बचपन से वर तुमको माना
लेकिन कब जोगन को तूने पहचाना
तेरे द्वारिका भी वो आई रे
कान्हा तू ही है हरजाई रे
** प्रदीप नील हिसार हरियाणा -- 09996245222
यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
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