कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
राधा को रोती छोड़ गोपियन भुलाई के
गोकुल का चैन सुख संग अपने ले गया
ग्वाल बाल गोपियन की झोली आंसू दे गया
खुश रहते होंगे सबका जियरा दुखाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जायके
डोले आगे पीछे तेरे मथुरा की गोरियां
उनसे क्या बांकी नहीं ब्रज की हम छोरियां
सच कहना हम सबकी कसम उठाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
मोर छपी ओढ़नी क्या दिखती है वहां पे
एक भी राधा जैसी सारी मथुरा में
खोज लेना पूरी दुनिया दीपक जलाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
वहां का बिछोना अच्छा कदम्ब की या डाली
मथुरा की बोली मीठी ब्रज की या गाली
न्याय तनिक कर दो कचहेरी लगाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
गय्या तो होगी कान्हा, तेरी मथुरा में
एक भी क्या दौड़ी आती जैसे गोकुल में
देख लेना किसी दिन बंसी बजाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
बैठते तो होंगे माखन थाली में सजाई के
सोचते तो होंगे उसको हाथ में उठाई के
वैसा स्वाद कहाँ खाया जो चुराई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
नन्द गाँव बजती थी बंसी बड़ भागन
मथुरा में जाते ही हुई वो अभागन नहीं तो क्यूँ रखा उसे ताक पे उठाई के कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
बैठी वहां छोड़ी जहाँ राधा इंतजार में
तिरलोकी हार बैठी इक तुम्हे हार के
राह तके कान्हा तेरी पलकें बिछाई के
कौन सुख पायो कान्हा मथुरा में जाई के
प्रदीप नील , हिसार हरियाणा 09996245222
Good work, keep it up.
ReplyDelete