राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया ?
भाग मिलाई जोडी या फिर भाग से लड़ के पाया ?
उस कान्हा के दर्शन पाने, ब्रज मै चल के आई
कुंज गलियन में कान्हा कान्हा,देती रही दुहाई
मुस्काए वो दूर से छलिया,लेकिन पास ना आया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
पूरे ब्रज में खोज खोज के, मैं हार गई गोपाला
कदम्ब की डाली तुम्ही बताओ,कहां है मुरली वाला
उसका पता बता दो कोई, अगर किसी ने पाया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
इतना बडा जहान बसे पर, कान्हा बिन वीराना
धुन लगी उसकी अब ऐसी,मनवा हुआ मस्ताना
मुझे अब कैसे भाए कोई ,कान्हा नैन समाया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
भाग मिलाई जोडी या फिर भाग से लड़ के पाया ?
उस कान्हा के दर्शन पाने, ब्रज मै चल के आई
कुंज गलियन में कान्हा कान्हा,देती रही दुहाई
मुस्काए वो दूर से छलिया,लेकिन पास ना आया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
पूरे ब्रज में खोज खोज के, मैं हार गई गोपाला
कदम्ब की डाली तुम्ही बताओ,कहां है मुरली वाला
उसका पता बता दो कोई, अगर किसी ने पाया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
इतना बडा जहान बसे पर, कान्हा बिन वीराना
धुन लगी उसकी अब ऐसी,मनवा हुआ मस्ताना
मुझे अब कैसे भाए कोई ,कान्हा नैन समाया
राधा री तूने कान्हा कैसे रिझाया
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