Sunday, January 10, 2016

मोहन तुम मुख मोड ना लेना ( प्रदीप नील )

तू निष्ठुर है, तू निर्मोही, फिर भी हमको जान से प्यारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

सूरज भी आए चंदा भी आए,तुम बिन मिटे नहीं अंधियारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

कश्ती  और खेवट भी तू ही,  तू ही सागर तू ही किनारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा
     

रिश्ते नाते सारे ही झूठे, ना कोई साथी ना  ही  प्यारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

भक्ति की शक्ति  भी तू ही, कितनों को तुमने पार उतारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

सांस बसे तू,प्राण बसे तू, तू ही तो जीवन  आधारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

जल में तुम्ही हो,थल में तुम्ही हो, चारों  दिशा ही तेरा नज़ारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा

मांगू  शरण  तेरी,धूलि चरण तेरी,मोहन दे दो मुझे सहारा
मोहन तुम मुख मोड ना लेना,तुम बिन कोई नहीं हमारा





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